Monday, April 5, 2010

पाकिस्तान: तालिबान की एक और चेतावनी

पाकिस्तान की धरती को पाकिस्तान के ही पाले-पोसे आतंकवादियों ने सोमवार को फिर से रक्तरंजित किया.. पेशावर में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास पर हमले का एक प्रयास हुआ और एक के बाद एक धमाके हुए.. जिसके बाद आधुनिक हथियारों से लैस छह आतंकियों ने दूतावास में घुसने का प्रयास किया.. जिसमें चार आतंकियों समेत छह लोग मारे गए। पाकिस्तानी तालिबान ने इस की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि यह अमेरिका द्वारा ड्रोन विमानों से किए जा रहे रोजाना हमलों का बदला लेने के लिए किया गया। इसके कुछ घंटों पहले दीर के तीमारगढ़ में हुए हमले में एक राजनीतिक पार्टी के 40 लोग मारे गए, जब एक आत्मघाती ने विस्फोटकों से अपने आप को उड़ा लिया। अवामी नेशनल पार्टी के नेता वहां एक जलसा कर रहे थे जिसमें उत्तर-पश्चिमी सीमांत प्रांत को खैबर-पख्तूनख्वा नाम दिए जाने की योजना का समर्थन करना था.. वहां कोई अमेरिकी या पाकिस्तानी सेना के लोग नहीं थे, जिनका तालिबान विरोध करते हैं.. वहां आम नागरिक थे… जो तालिबान के इस खूनी खेल का शिकार बने।


अपने अमेरिका-विरोध को ढाल बनाकर आम जनता का समर्थन मांगने वाले तालिबान के पास इसका जवाब नहीं होगा, पर इस क्षेत्र पर नजर रखने वाले लोग यह जानते हैं कि तालिबान सिर्फ अमेरिका विरोधी नहीं, बल्कि लोकतंत्र के भी विरोधी हैं.. जो भी उनकी विचारधारा के साथ नहीं, वे उन सबको खत्म करने की मंशा रखते हैं.. अमेरिका तो यहां से जाने की तैयारी का रोडमैप भी बना चुका है। तालिबान को हाल में ड्रोन हमलों से खासा नुकसान हुआ है... उत्तरी वजीरिस्तान में जहां वे पाकिस्तानी सेना से बेखौफ घूमते थे, वहां पिछले छह हफ्तों में 90 से ज्यादा आतंकी हवाई हमलों में मारे गए हैं..

बौखलाया तालिबान अपनी शक्ति के प्रदर्शन के लिए निकट भविष्य में पेशावर और दीर जैसे हमले दोहराएगा.. तालिबान उन सभी शक्तियों पर हमला करेगा, जो उसके कट्टर, पुरातनपंथी मत से अलग है.. सोमवार को उनका निशाना बनी पाकिस्तान की धर्मनिरपेक्ष पार्टी.. अवामी नेशनल पार्टी... जो सीमांत गांधी यानि खान अब्दुल गफ्फार खान के सिद्धांतों पर चलती है।



ये चेतावनी पाकिस्तान के उन राजनीतिक दलों के लिए भी है, जो तात्कालिक लाभ के लिए प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से तालिबान का समर्थन करते हैं। तालिबान ने जिस तरह के शासन की कल्पना कर रखी है उसमें दलीय राजनीति का कोई स्थान नहीं होगा।



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